सब पानी - पानी हो गया
जिसने दान दिया जीवन का आज वही हमें लूट गया
जल ही जीवन है कहते- कहते जल में ही जीवन डूब गया
दर्द नाक किस्सा ये बाढ़ का सबकी जुबानी हो गया
सब पानी - पानी हो गया सब पानी - पानी हो गया
देख तेरे कर्मो का मंजर जीवन डूबा है जल के अंदर
तेरे कर्मो का अंजाम है ये तेरी खोजों का परिणाम है ये
आँसू क्यूँ आंखों में हैं ? क्यूँ सहमा - सहमा हो गया
दर्द नाक किस्सा ये बाढ़ का सबकी जुबानी हो गया
सब पानी - पानी हो गया सब पानी - पानी हो गया
कुदरत क्यूँ तुझपे रहम करे तूने काटे सब पेड़ हरे
धरती को बंजर कर डाला तूने वन में महल बना डाला
सुख - सुविधा की लालच में तू क्या से क्या हो गया
दर्द नाक किस्सा ये बाढ़ का सबकी जुबानी हो गया
सब पानी - पानी हो गया सब पानी - पानी हो गया
प्रलय नहीं है ये कोई सन्देश दिया है कुदरत ने
स्वयं नहीं आई है आपदा इसे बुलाया है फिदरत ने
मिला वही जो तूने किया अब क्यूँ पूँछे क्या हो गया
दर्द नाक किस्सा ये बाढ़ का सबकी जुबानी हो गया
सब पानी - पानी हो गया सब पानी - पानी हो गया
जाने कितने बच निकले और जाने कितने डूब गए
हाय ! लगी है पेड़ो की सब सुख दुःख में बदल गए
मौत के बदले मौत मिलेगी फिर काहे तू रो गया
- प्रदीप कुमार तिवारी 'साथी'
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